साहित्येतिहास के काल विभाजन के नामकरण का एक लघु प्रयास
एक इतिहास यह भी साहित्येतिहास एक ऐसा विषय रहा है, जो प्रत्येक दौर में आलोचकों को चुनौती देता रहा है क्योंकि साहित्येतिहास न तो कभी खत्म हो सकता है और न ही इसे कोई अंतिम रूप से लिख सकता है। साहित्येतिहास लेखन करते समय समकालीन साहित्य हमारे लिए एक बड़ी मुश्किल खड़ी करता है और प्राचीन साहित्य के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान से प्राप्त तथ्य पूर्ववर्ती साहित्य के इतिहास लेखन के रास्ते में नए पग चिह्न बना देते हैं, जिनकी उपेक्षा करना मुमकिन नहीं होता। नवीनतम सांस्कृतिक, साहित्यिक, ऐतिहासिक, आर्थिक एवं सामाजिक घटनाक्रम साहित्य पर अपने तीखे निशान छोड़ जाते हैं, जिनकी पहचान करना साहित्येतिहास लेखक की बुद्धिमत्ता की कसौटी होता है। इसके अतिरिक्त साहित्येतिहास लेखन की परंपरा और नवीनतम साहित्य के अद्यतन स्वरूपों का ज्ञान भी एक बड़ा प्रश्न है जिससे मुक्त नहीं हुआ जा सकता। साहित्य के इतिहास को नए विमर्शों से जोड़ने के लिए शुक्ल जी के इतिहास से बाहर आना आवश्यक है, लेकिन दुर्भाग्यवश आज एक भी ऐसा समीक्षक नहीं दीखता, जो इस चुनौती को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ने का साहस कर सके। साहित्येतिहास लेखन गहन...