हिन्दी शिक्षण के लिए सिनेमा सशक्त माध्यम बन सकता है
वर्तमन युग प्रौद्योगिकीय विकास का है, जिसमें जीवन के समस्त क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा रहा है और मानव जीवन को सहज, आसान और सुरक्षित बनाया जा रहा है। बीते दशकों में प्रौद्योगिकीय सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण महामारियों के दौर में दुनिया लाशों से पट जाया करती थी और शिक्षा व्यवस्था पूर्णतः ध्वस्त हो जाया करती थी, लेकिन इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक में उपस्थित कोविड 19 महामारी के इस दौर में प्रौद्योगिकीय विकास के कारण दुनिया ने अपने समस्त कार्यकलाप अपेक्षाकृत अधिक सुगमता से किए हैं। हमने यह देखा है कि भारत सहित दुनिया के सभी देशों में सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जनसंचार के विभिन्न साधन जैसे मोबाइल इंटरनेट टीवी रेडियो आदि के माध्यम से इस महामारी से हुई क्षति को न्यूनतम रखने में हमें सहायता मिली है। एक उल्लेखनीय तथ्य यह है कि कोविड महामारी के दौरान ऑनलाइन माध्यमों से विभिन्न ऐप के द्वारा तथा अनेक सैटेलाइट एवं यूट्यूब चैनलों के द्वारा और फेसबुक लाइव आदि के माध्यम से हमने आभासी मंचों का उपयोग कर अध्ययन और अध्यापन कार्य को बाधित नहीं होने...